Supreme court decision :
Supreme Court Decision : आज के इस आर्टिकल में हम आपको Supreme court के नए नियम के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है। आपको तो पता ही होंगा आए दिन प्रोपर्टी विवाद के मामले में जबरन प्रोपर्टी पर कब्जे के मामले सामने आये है।
ऐसे ही प्रोपर्टी विवाद के लाखों केस के मामले अदालतों में पेंडिंग है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला इस लोगो के लिए सुनाया है। जो हम आपको आगे के आर्टिकल में बताने जा रहे है आइये जानते है।
आपके जानकारी के लिए बता देकि सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में साफ कर दिया कि, क्या कोई कब्जा करने वाला उस प्रोपर्टी पर मालिकाना हक का दावा कर सकता है या नही।
जैसे की प्रोपर्टी किराए पर चढ़ाने के बाद भी मालिक को कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। वरना उसे अपने प्रॉपर्टी से हाथ धोना पड़ भी सकता है। बता दे की हमारे देश में प्रॉपर्टी को लेकर ऐसे कुछ नियम हैं जहां किराएदार उस प्रॉपर्टी पर कब्जे का दावा भी कर सकता है।
कब किराएदार प्रॉप्रटी पर कब्जे का दावा कर सकता है?
- अग्रेजों का बनाया एक कानून है। जिसे प्रतिकूल कब्जा के नाम से जाना जाता है। उसे अंग्रेजी में कहाँ जाये तो adverse Possession
- कानून के अनुसार लगातार 12 साल तक रहने के बाद किराएदार उस प्रॉपर्टी पर कब्जे का दावा कर सकता है।
- बता दे की, मकान मालिक ने 12 साल के दौरान कभी उस कब्जे को लेकर कोई रोक-टोक नहीं करनी चाहिए।
- किराएदार का प्रॉपर्टी पर लगातार का कब्जा रहा हो इसमें कोई ब्रेक नहीं होना चाहिए।
- जानकारी के लिए बताना चाउंगा किराएदार प्रॉपर्टी डीड,पानी बिल, बिजली बिल जैसी चीजें सबूत के तौर पर पेश कर सकता है।
Supreme Court ने इस मसले पर अहम फैसला सुनाया है की, जैसे की सुप्रीम कोर्ट ने जमीन से जुड़े विवाद में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए बताया है कि 12 साल तक जमीन पर जिसका कब्जा होगा, वही अब उस जमीन का मालिक माना जाएगा। बताया जा रहा है की, हालांकि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला निजी जमीन से जुड़ा हुवा है।
प्रोपर्टी मालिक इन बातों का रखें ध्यान
मालिक इन बातों का खास ध्यान रखें जैसे अपना घर या कोई दूसरी प्रोपर्टी किराए पर देते समय उनसे 11 महीने का ही रेंट एग्रीमेंट बनवाएं। ताकि हालांकि 11 महीने बाद रिन्यू किया जा सकता है।
इससे आपको फायदा ये होगा कि प्रोपर्टी के बिच ब्रेक आ आएगा और ब्रेक आने पर किराएदार उस प्रोपर्टी पर कब्जा का दावा नहीं कर पाएंगा।
प्रोपर्टी पर कब्जा होने पर क्या करें
- आपकी जमीन पर किसी ने अवैध कब्जा (Possession of Property) कर लिया है तो आपको कई तरह से कानूनी मदद मिल जाता है।
- आपको भारतीय कानून (Indian law) में इस समस्या से निपटने के लिए संपूर्ण व्यवस्था दी गई है।
- बता दे की IPC की धारा 420 के तहत अगर किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से आपराधिक बल मतलब कि डरा कर या धमका कर उसकी जमीन से बेदखल कर दिया है।
- आप इस IPC की धारा 420 को लागू कर के आप अपनी प्रॉपर्टी वापस ले सकते है।
- आप इस धारा के तहत पुलिस में इसकी शिकायत कर सकते हैं।
- इस धारा के अंतर्गत वह कार्यवाही की जायेंगी।
- बता देकि कोई भी व्यक्ति अपने इस अधिकार का उपयोग कर सकता है।
धोखे से प्रोपर्टी बेचने पर
जानकारी के लिए बता देकि कानून में IPC की धारा 406 के मुताबिक यदि जमीन के मालिक (land Owner Rights) ने किसी दूसरे व्यक्ति को एक विश्वास पर अपनी संपत्ति या जमीन दी है और उस दूसरे व्यक्ति ने दी हुई संपत्ति का गलत इस्तेमाल किया है तो उसे 3 वर्ष की जेल हो सकती है। ऐसा करने पर उसे भारी राशि का भुकतान करना पड़ सकता है।
क्या कहती है आईपीसी की धारा 467
आपके जानकारी के लिए बता देकि IPC की धारा 467 के अनुसार अगर किसी भी व्यक्ति ने धोखाधड़ी करके प्रोपर्टी के नकली दस्तावेज बनाएं है। या जबरदस्ती मलकाना हक जताता है तो व्यक्ति भारतीय कानून की धारा 463 के अनुसार जालसाजी का अपराधी माना जाएगा। इसके लिए आप पुलिस में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज़ कर सकते है।
और पढ़े – बिना कोर्ट जाए कब्जा करने वाले से छुड़वा सकते हैं अपनी प्रोपर्टी, Supreme Court ने बताया तरीका!