SIP INVESTMENT PLAN :
SIP में इन्वेस्ट करना चाहते हो तो ,सबसे पहले जान ले SIP क्या है ?कैसे काम करता है ?आईये जानले पूरी जानकारी।SIP याने Systematic Investment Plan है ,जो एक निवेश योजना है, जिसमें छोटी-छोटी राशि से निवेश किया जा सकता है।
इस योजना के जरिए अगर किसी की मासिक आय कम है,तो निवेश कर पाएंगे। इस योजना के तहत अंतराल में साप्ताहिक, मासिक, तिमाही, अर्धवार्षिक और वार्षिक में निवेश किया जा सकता है।
दरअसल, SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी आसान होता है। यह मंथली बचत की तरह होता है ,जो आप हर महीने करते हैं। करोड़पति बनने के लिए आपको सही तरीके और समय पर निवेश करना होगा। वहीं SIP एक ऐसा तरीका है ,जो आपका करोड़पति बनने का सपना पूरा कर सकता है।
SIP INVESTMENT PLAN क्या है ?
एसआईपी (SIP) एक महान निवेश विकल्प हैं यदि आप कुछ नए लोगों के लिए अनुकूल निवेश की तलाश कर रहे हैं। जिसके लिए बड़ी मात्रा में पूंजी की आवश्यकता नहीं होती है।Systematic Investment Plan यानी की (SIP) आजकल के समय में निवेशकों के बीच काफी पसंद किया जाता है। आप SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है। SIP में आप हर महीने 500 रुपए के छोटे सी रकम से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
SIP के प्रकार :
कई अलग-अलग प्रकार के एसआईपी (SIP) होते हैं। इसकी मदद से आप महीने दर महीने किस्त की तरह से पैसे जमा करते हैं। इसमें सबसे अधिक कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है।
रेगुलर एसआईपी (Regular SIP)
रेगुलर एसआईपी में एक निश्चित अमाउंट ही निवेश किया जाता है। इसे आप महीने, तिमाही या वार्षिक एसआईपी के विकल्प को चुन सकते हैं। ये एसाईपी करने का सबसे साधारण तरीका होता है।
टॉप-अप एसआईपी (Top-UP SIP)
जब भी आप अपनी मौजूदा एसआईपी में अतिरिक्त राशि का निवेश करते हैं तो उसे टॉप-अप एसआईपी कहा जाता है। उदाहरण के लिए आप हर महीने 1000 रुपये की एसआईपी करते हैं और इनकम बढ़ने के साथ इस एसआईपी की राशि को 1200 कर देते हैं तो ये टॉप-अप एसआईपी मानी जाएगी।
फ्लेक्सिबल एसआईपी (Flexible SIP)
फ्लेक्सिबल एसआईपी भी निवेश करने का एक अच्छा तरीका है। इसमें आप बाजार की परिस्थितियों के मुताबिक अपनी एसआईपी को बढ़ाते और घटाते हैं। इस तरह की एसआईपी करने के लिए आपको बाजार की जानकारी होना जरूरी है।
ट्रिगर एसआईपी (Trigger SIP)
्रिगर एसआईपी भी एसआईपी करने का एक तरीका है। इसमें निवेश अपनी एसआईपी में बाजार में कोई विशेष परिस्थिति आने पर अतिरिक्त निवेश करत हैं। इस तरह की एसआईपी ज्यादा लोग लंपसम निवेश करने के लिए करते हैं।
वैल्यूएशन बेस्ड ट्रिगर एसआईपी (Valuation-based Trigger SIP)
ये भी ट्रिगर एसआईपी की तरह ही होता है। इसमें बाजार की वैल्यूएशन कम होने पर एसआईपी की जाती है। उदाहरण के लिए निफ्टी और सेंसेक्स की वैल्यूएशन एक लेवल से नीचे आ जाती है तो निवेशक निवेश करने का फैसला लेता है।
स्थायी एसआईपी
इस प्रकार की एसआईपी में आप कभी भी कोई निश्चित नहीं चुनते हैं। आप इसे कभी भी बंद कर सकते हैं। इसे काफी सुविधाजनक माना जाता है और इस प्रकार की एसआईपी से बड़ा फंड एकत्रित किया जा सकता है।
एसआईपी इंश्योरेंस
अगर आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एसआईपी कर रहे हैं तो एसआईपी इंश्योरेंस न लेना भूलें। ये एक Group Term Insurance होता है। ये एएमसी कंपनियों के हिसाब से अलग-अलग होता है और इसमें अधिकतम 50 लाख रुपये की राशि एसआईपी करने वाले व्यक्ति की मृत्यू पर नॉमिनी को मिलती है।
हर महीने 500 या 1000 रुपये से कर सकते है छोटा निवेश :
SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म में निवेश कर एक बड़ा फंड जमा किया जा सकता है। लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट का फायदा यह होता है कि इसमें कंपाउंडिंग के जरिए भारी रिटर्न मिल सकता है। अगर आप भी भविष्य के लिए सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं तो अपना निवेश कम उम्र से शुरू कर सकते हैं।
हर महीने महज 500 रुपए जमा करके आप इसकी शुरुआत कर सकते हैं। जब आपकी इनकम बढ़ जाए तो आप इस अमाउंट को अपनी सुविधा अनुसार बढ़ा भी सकते है। दरअसल, आपको इसके लिए म्यूचुअल फंड में हर महीने 1000 रुपए का निवेश करना होगा। अगर आप 20 साल तक यह रकम जमा करते हैं, तो आपके पास टोटल 2.4 लाख रुपए का फंड जमा हो जाता है। 15% सालाना रिटर्न पर 20 साल में आपका यह फंड बढ़कर 15.16 लाख रुपए हो जाएगा। वहीं अगर आपको 20% का सालाना रिटर्न मिलता है तो 20 साल में यह फंड बढ़कर 31.61 लाख रुपए हो जाएगा।
SIP में पाए बेहतर रिटर्न:
आज के समय में एसआईपी अन्य स्कीम्स की तुलना में कहीं बेहतर रिटर्न देने वाला बन गया है। इसी को लेकर आज हम आपको बताने जा रहे की एसआईपी आपके लिए क्यो है बेस्ट?इस प्लान में मिलती है फ्लैक्सिबिलिटी अगर आप एसआईपी में निवेश करना चाहते है, तो आपको बहुत सोचने की जरूरत नहीं है, हर महीने महज 500 रुपए जमा करके आप इसकी शुरुआत कर सकते हैं। जब आपकी इनकम बढ़ जाए तो आप इस अमाउंट को अपनी सुविधा अनुसार बढ़ा भी सकते है।
30 साल में बन जाएगा 2.33 करोड़ रुपए का फंड:
अगर आप हर महीने 1000 रुपए निवेश करते हैं तो 20% के सालाना रिटर्न के साथ मैच्योरिटी पर आपको 86.27 लाख रुपए का फंड मिलेगा। वहीं अगर यह पीरियड 30 साल है तो 20% रिटर्न के साथ आपका फंड 2.33 करोड़ रुपए का बन जाएगा।
rupee cost averaging का फायदा:
जब आप समय-समय पर निवेश करते हैं तो आपको रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है। यानी अगर मार्केट गिरावट में है और आपने पैसा निवेश किया तो आपको ज्यादा यूनिट्स अलॉट होंगे और मार्केट में तेजी आने पर अलॉट होने वाले यूनिट्स की संख्या कम होगी। मार्केट में गिरावट आने पर भी आप लॉस में नहीं जाते। ऐसे में जब मार्केट में तेजी आती है, तो आपको अपने औसत निवेश पर ही बेहतर रिटर्न पाने का मौका मिल सकता है।
SIP में compounding का फायदा:
आपको एसआईपी में कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है यानी आपको निवेश पर जो रिटर्न मिलता है, उस रिटर्न पर भी रिटर्न का लाभ उठाते है। इसके अलावा एसआईपी में करीब 12 फीसदी तक औसतन रिटर्न मिल जाता है,कई बार ये इससे ज्यादा भी होता है। ऐसे में एसआईपी के जरिए अच्छा फंड तैयार कर सकते है।
आर्थिक समस्या होने पर स्थगित कर सकते हैं निवेश :
आप एसआईपी में मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर भी निवेश कर सकते है। वहीं किसी तरह का आर्थिक संकट होने पर आप इसे बीच में कुछ समय के लिए रोक भी सकते हैं। यानी इस प्लान में आपको फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है। लॉन्ग टाइम में बेहतर रिटर्नअगर आप एसआईपी करते है, तो आपको अन्य स्कीम्स की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलता है।
अगर आप करोड़पति बनना चाहते हैं तो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) आपके लिए बेस्ट प्लान है।