New Irrigation Technology :
केंद्र सरकार और कृषि विभाग की और से किसानों को ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई संयंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है और राज्य के केंद्र संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओ के लिए किसानो को आंमत्रित किया जाता है।
हम आपको आज इस आर्टिकल में नई तकनीक (New Irrigation Technology) की सिंचाई के बारे में बताने जा रहे है, जिससे किसान भाई को सिंचाई करने में किसी भी प्रकार की तकलीफ न हो सिंचाई करने में आसानी जा सके आइये जानते है।
सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation)
कृषि क्षेत्र के विकास और कृषि उत्पादकता में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए देशभर में खेती के पैटर्न के जरिये कहि सारे बदलाव दिखाई दे रहे है। देश के किसान अपने खेती में आधुनिक कृषि मशीनों और कम पानी में अच्छी खासी फसल उत्पादन करते आ रहे है।
इस लिए सिंचाई में सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation) संयंत्रों का किसान इस्तेमाल कर रहे है। इस लिए किसान खेतों में खुला पानी नहीं छोड़ते हैं, बल्कि सिंचाई के लिए ड्रिप, स्प्रिंकलर और मिनी स्प्रिंकलर का इस्तेमाल सिंचाई में सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation) संयंत्रों द्वारा किया जाता है।
कितने किसानों के खेतों में स्थापित हुए सिंचाई संयंत्र
देश के सभी किसानो के खेतो में खेती के लिए पानी की कमी ना हो इस के लिए सरकार ने “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई (अटल भूजल) योजना”की सुरवात की है ,जिससे किसानो को आर्थिक मदत मिल सके।
सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि इस योजना के तहत देशभर अटल भूजल बना रहे और देश के किसान खुशाल जिंदगी जी सके।सभी राज्यों में सरकार द्वारा “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना” (Prime Minister Agricultural Irrigation Scheme) को राज्य में लागू करके ड्रिप सिंचाई, मिनी स्प्रिंकलर, पोर्टेबल स्प्रिंकलर और स्प्रिंकलर जैसे सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों चला या जा रहा है।
कितने किसानो को दिया गया है लाभ
“प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना” (Prime Minister Agricultural Irrigation Scheme) के तहत सरकार द्वारा 5 लाख 33 हजार 668 हैक्टेयर क्षेत्र में किसान सिंचाई के लिए चुने गए है।
इस तकनीक (Technology) को देश के कहि किसान ड्रिप सिंचाई, मिनी स्प्रिंकलर और पोर्टेबल स्प्रिंकलर तकनीक (Technology) का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस तकनीक के जरिये सरकार की और से 50-60 प्रतिशत तक पानी की बचत कर खेती से 35 से 50 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन किसान प्राप्त कर रहे है।
बीते साढ़े चार साल में ड्रिप और स्प्रिंकलर पर 818.60 करोड़ रुपये की सब्सिडी
सरकार कृषि विभाग (Government of Agriculture Department) जारी किये गए राज्य के 3,79,472 किसानों ने योजानान्तंर्गत ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर और स्प्रिंकलर सिंचाई संयंत्र उनको खेती के लिए स्थापित किये गए है।
देशभर में इस प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई (अटल भूजल) योजना” के तहत स्प्रिंकलर पर 252. 89 करोड़ रुपए और ड्रिप सिंचाई संयंत्र पर 818.60 करोड़ रुपए की सब्सिडी किसानों दी जा चुकी है।
किसानों को इतनी मिलती है सब्सिडी
सरकार के द्वारा चलाई जानने वाली प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई (अटल भूजल) योजना” के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत और महिला किसानों को 75 प्रतिशत और अन्य सामान्य वर्ग वाले किसानो को 70 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।
माइको इरिगेशन सिंचाई संयंत्रों पर अनुदान के लिए इस तरह करें आवेदन
- राज्य के कृषि विभाग ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई संयंत्रों पर किसानों को सब्सिडी दी जाती है।
- राज्य और केंद्र संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत खास दयँ दिया जाता हैं।
- राज्य के किसानों से इन संयंत्रों के लिए समय-समय पर आवेदन भी आमंत्रित बुलवाये जाते है।
- सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसान के पास कम से कम 0.2 हेक्टेयर सिंचाई योग्य कृषि भूमि होनी चाहिए।
- आवेदक किसान राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
- आवेदक के पास योजना में आवेदन करने के लिए 6 माह पुरानी जमाबन्दी नकल होनी चाइये।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए इन दस्तावेजों का होना अनिवार्य होता है
- आवेदन का आधार कार्ड जरुरी है।
- जनाधार कार्ड होना आवश्यक है।
- सिंचाई स्त्रोत प्रमाण पत्र होना जरुरी है
- मृदा आवश्यक है।
- जल जांच रिपोर्ट देनी होती है
- आपूर्तिकर्ता का कोटेशन लगेगा।
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