NPS VS OPS :राष्ट्रीय पेंशन योजना मोदी सरकार द्वारा बड़े बदलाव की तैयारी जाने पूरा अपडेट क्या है नए और पुराने पेंशन में बदलाव

NATIONAL PENSION SCHEME AMENDMENT :आखिर क्या है बदलाव करने की वजह ?केंद्र सरकार इस साल के अंत तक राष्ट्रीय पेंशन योजना में बड़े बदलाव कर सकती है| वर्त्तमान में मामले की जाँच कर रही उच्च स्तरीय समिति की शिफारिशों पर सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है। जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के आधार पर कमसे कम ४० -४५ प्रतिशत सेवानिवृत्ति भुगतान पाना है।

तो आईये जानते है आखिर क्या बदलाव है पुराणी और नयी पेंशन योजना में। नई और पुरानी, दोनों पेंशन के कुछ फायदे और नुकसान हैं।पुराणी पेंशन योजना एक गारंटीड रीटर्न वाली योजना है ,इसका भुगदान सरकार की ट्रेजरी के जरिये किया जाता है। नयी पेंशन योजना शेयर बाजार और अन्य निवेशों पर आधारित है ,इनकी चाल की आधार पर रिटर्न का भुगतान होता है। पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के अंतिम वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। पुरानी स्‍कीम में पेंशन,कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई के आंकड़ों से तय की जाती है।

पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के वेतन से पैसा नहीं काटा जाता। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को दी जाने वाली पेंशन का भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है। रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर पेंशन का पैसा उसके परिजनों को मिलने लगता है।

पुरानी पेंशन स्कीम में हर 6 महीने बाद कर्मचारियों को DA डीए दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा जब-जब सरकार वेतन आयोग का गठन करती है, पेंशन भी रिवाइज हो जाती है। पुराणी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय पेंशन की प्राप्ति के लिए GPS (general provident fund )से कोई निवेश नहीं करना पड़ता।
एन पी एस पर क्यों है विवाद जाने पूरी जानकारी

पुरानी पेंशन स्कीम के तहत पेंशन कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय मिले वेतन का 50 फीसदी मासिक लाभ मिलता था,n p s ऐसी कोई आधार रक्कम प्रदान नहीं करता है | नए पेंशन प्लान में एक और विवाद है ओल्ड पेंशन स्किम में कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता इसके अलावा n p s पेंशनर्स को रिटायरमेंट के समय कोष का ६० फीसदी टैक्स फ्री और ४० फीसदी हिस्सा भुगतान है। NP S में कर्मचारी की सैलरी का १० फीसदी योगदान होता है और सरकार १४ फीसदी का योगदान देती है।

N PS कब शुरू की गयी?

भारत सरकार ने देश में पेंशन क्षेत्र के विकास और विनियमन के लिए 10 अक्‍तूबर 2003 को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) स्‍थापित किया। राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी 2004 को सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्‍य से आरंभ की गई थी। एनपीएस का लक्ष्‍य पेंशन के सुधारों को स्‍थापित करना और नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना है।

भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक पेंशन-योजना (रिटायरमेंट सेविंग स्कीम) है।एनपीएस एक प्रकार की पेंशन कम इन्वेस्टमेंट स्कीम है जो कि बाजार आधारित रिटर्न की गारंटी देती है। एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है। शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है।यह ०१ जनवरी २००४ से आरम्भ हुई थी।आरंभ में एनपीएस सरकार में भर्ती होने वाले नए व्‍यक्तियों के लिए आरंभ की गई थी।

वित्तीय रूप से ops क्यों है अस्थिर ?

मौजूदा N P S में लगभग 87 लाख संघीय और राज्य सरकार के कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है. अंतिम भुगतान फंड द्वारा उत्पन्न रिटर्न पर आधारित होता है, जो मुख्य रूप से सरकारी ऋण उपकरणों में निवेश किया जाता है|

OPS को वित्तीय रूप से अस्थिर माना जाता है. भारत के सबसे बड़े ऋणदाता, भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने चिंता व्यक्त की है कि OPS पर वापस लौटने से राज्य सरकारों का ऋण बोझ बढ़ सकता है|

किन राज्यों में बहाल हुयी पुराणी पेंशन ?

पुराणी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को अंतिम वेतन का ५० प्रतिशत पेंशन देना का प्रावधान है। राजस्थान ,हिमाचल प्रदेश,पंजाब ,छत्तीसगढ़ और झारखण्ड में बंद कर दी गयी है | S B I के आर्थिक सलाहकार का कहना है की ops वित्तीय रूप से अस्थिर है जिसके चलते राज्यों पर कर्जे का बोझ बढ़ सकता है।

NP S के क्या है लाभ ?

अभिदाता अपने निवेश विकल्पोंस तथा पेंशन फंड का चुनाव कर सकते हैं और अपने पैसों में वृद्धि को देख सकते हैं।
एक वित्तीाय वर्ष में किसी भी समय अंशदान कर सकता है और प्रतिवर्ष बचत की जाने वाली राशि तथा रखी जाने वाली राशि में भी परिवर्तन कर सकता है।
एन पी एस के तहत ,सेवानिवृत लोगो के पास सेवानिवृति के समय जमा राशि का ६० प्रतिशत कर मुक्त निकलने का विकल्प होता है।

शेष ४० प्रतिशत राशि पर भुगतान कर योग्य होता है।
तो आप देखे की आपको कोनसे स्कीम में पैसे लगाने है और पाए लाभ अपनी राशि के अनुसार| तो आपको यह सोचना है की कोनसी योजना में निवेश करना आपके लिए फायदेमंद होगा।