OLD PENSION SCHEME : सरकार का बड़ा ऐलान अपडेट केंद्रीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना होगी बहाल ,जाने पूरी जानकारी !

OLD PENSION SCHEME :

काफी दिनों से ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर देशभर में सरकारी कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। कई राज्यों ने भी ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया है। ऐसे में अब केंद्र सरकार भी इस पर गौर कर रही है, हालांकि, ओल्ड पेंशन स्कीम को केंद्र स्तर पर लागू नहीं किया जा रहा है।

पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर फिर एक बार सियासत गर्माने लगी है। पुरानी पेंशन योजना दरअसल एक तरह से रिटायरमेंट के बाद पूरी उम्र के लिए तय इनकम की गारंटी है। उसके तहत कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद अंतिम वेतन के आधे के बराबर रकम हर महीने पेंशन के रूप में मिलती है। उसके ऊपर से महंगाई भत्ते का भी लाभ मिलता है, महंगाई भत्ते को साल में दो बार बढ़ाया भी जाता है।

क्या है Old Pension Scheme?

Old Pension Scheme के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अंतिम वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती थी। रिटायरमेंट के समय पेंशन कर्मचारी की आखिरी वेतन राशि और महंगाई के आंकड़ों से तय की जाती है।

कर्मचारियों के वेतन से पुरानी पेंशन योजना में पैसा नहीं काटा जाता है। सरकारी कर्मचारी को दी जाने वाली पेंशन राशि का भुगतान इस योजना के तहत सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है।

घातक साबित होगी Old Pension Scheme?

कुछ राज्यों द्वारा अपनाई जाने वाली पुरानी पेंशन योजना को रिजर्व बैंक में वापस लेने को कहा है इसके अलावा यह भी कहा है कि पुरानी पेंशन योजना उनके राजकोष के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है।

SBI के अर्थशास्त्रियों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में पुरानी पेंशन योजना अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित हो सकती है।पुरानी पेंशन योजना कर्ज में डूबे हुए राज्यों के लिए नई मुसीबत ला सकती है। जिससे आगामी सरकारों पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा।

Old Pension Scheme पर क्या कहना है सरकार का ?

सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए OPS बहारी को लेकर सरकार के पास को प्रस्ताव नहीं है। कुछ राज्यों द्वारा अपनाई जाने वाली पुरानी पेंशन योजना को रिजर्व बैंक में वापस लेने को कहा है इसके अलावा यह भी कहा है कि पुरानी पेंशन योजना उनके राजकोष के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है।

पुरानी पेंशन योजना को स्वीकार करने से ढेर सारी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। इस कदम से राजकोषीय संसाधनों पर अधिक दबाव पड़ेगा और राज्यों की बचत पर नकारात्मक असर पड़ेगा। वर्तमान खर्चों को भविष्य के लिए स्थगित करके राज्य आने वाले वर्षों के लिए बहुत बड़ा जोखिम उठा रहे हैं। इससे उनकी पेंशन देनदारियां बढ़ती जाएंगी।

इन राज्यों में लागू हो चुका है OPS:

सरकार ने लोकसभा में बताया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लागू कर दिया है। इसे लेकर इन राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार, पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) को अपने निर्णय के बारे में बता दिया है।

इन राज्य सरकारों ने अंशदान की वापसी/निकासी और उस पर प्रापत लाभ के लिए अनुरोध किया है। हालांकि, पंजाब सरकार ने भारत सरकार को सूचित भी किया है कि यह NPS में कर्मचारी और सरकारी अंशदान का भुगतान जारी रखेगी।

पुराणी पेंशन योजना को बहाल कर, क्यों है नयी पेंशन योजना का प्रावधान :

इन दोनों पेंशन स्कीम में विशेष अंतर यह है कि पुरानी पेंशन स्कीम एक सुरक्षित योजना है। क्योंकि इसका भुगतान सरकारी राजकोष से किया जाता है। वहीं नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित होती है। नई पेंशन योजना में आपके द्वारा लगाए गए जाए पैसे को शेयर बाजार में लगाया जाता है। और उस पर टैक्स भी देना होता है। ऐसा प्रावधान पुरानी पेंशन योजना में नहीं होता था। अगर बाजार में मंदी होती है। तो नई पेंशन योजना मिलने वाला पैसा रिटर्न भी हो सकता है। पुरानी स्कीम की तुलना में कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम में बहुत कम फायदे मिलते हैं।

नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के वेतन से 10% की कटौती की जाती है। जबकि पुरानी पेंशन योजना में वेतन राशि से कोई कटौती नहीं होती है। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को GPF की सुविधा उपलब्ध होती थी। नई स्कीम में इस प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी गई है। Old Pension Scheme में कर्मचारियों की रिटायरमेंट के समय अंतिम सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। जबकि आप को कितनी पेंशन मिलेगी इसकी कोई गारंटी नई पेंशन योजना में नहीं है।

ओल्ड पेंशन स्कीम के फायदे :

  • कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय मिलने वाली राशि का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है
  • . इसके साथ ग्रैच्युटी, महंगाई भत्ता और साल में दो बार महंगाई राहत के संशोधन का लाभ भी मिलता था
  • . यह पूरा पैसा सरकारी खजाने से दिया जाता था और कर्मचारी की सैलरी से कोई पैसा नहीं कटता
  • रिटायरमेंट पर आधी सैलरी मिलती थी बाकी जीवनभर आय के रूप में
  • जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा
  • सरकारी खजाने से पेंशन
  • 6 महीने बाद महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी
  • तो अब देखना ये है ,की सरकार इस पर क्या फैसला लेती है।

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