आखिर ऐसा क्या सोचा किसान ने जो छोड़ दी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी और कैसे कमाए लाखो रूपये

आप तो जानते हो दोस्तों इस महंगाई भरी दुनिया में छोटे मोठे रोजगार से गुजरा करना कितना मुश्किल हो रहा है। इसलिए सबका ध्यान अब नौकरी छोड़ खुदका बिज़नेस बनाने में लगा है जिससे उन्हें ज्यादा फायदा हो और इस महंगाई की दुनिया में जीना आसान हो, ताकि उन्हें राहो दर दर की ठोकरे न खाना पड़े या रोजगार के लिए भटकना न पड़े।

तो आईये जानते है ऐसे ही भोजपुर के गौरव सिंह उर्फ़ शिया राम के बारे में जिन्होंने कंपनी छोड़ खेती करना बेहतर समझा। जो बिहार के आरा फूड टेक्नोलॉजी में मास्टर्स कर ITC कंपनी की नौकरी छोड़ दी और किसान की तरह आधुनिक तरीके से फूल की खेती शुरू की| इसमें गुलाब और जरवेरा की खेती शामिल है|

देश में खुद का काम करने का एक अलग ही क्रेज है| कई युवा बड़ी बड़ी कंपनी की नौकरी छोड़ खुद का काम कर शुरू कर अच्छा मुनाफा कमा रहें हैं| वही शिया राम मौर्या गुलाब और जरवेरा की खेती करके सालाना १३ से १४ लाख रुपये कमा रहे है | जरवेरा और विभिन्न प्रजातियों के गुलाब की खेती कर शिया राम मौर्या यूपी, झारखंड और बिहार के कई जिलों इन प्रजातियों का सप्लाई कर रहें हैं,और अच्छा मुनाफा कमा रहे है |

खेती करने की प्रेरणा कहा से मिली ?

लोकल 18 से बात करते हुए शिया राम मौर्या ने बताया कि, मैं बैंगलोर में ITC कंपनी में 22 साल तक जॉब किया. उसके पहले बीएससी एग्रीकल्चर किया था, फिर फूड टेक्नोलॉजी से मास्टर किया था| एक समय आया जब कॉरपोरेटर के जॉब से मन ऊब गया,जिसके बाद मैं अपने ससुराल आया|

जहा मेरे सास ससुर कृषि कार्य करते थे, तो मुझे ये काम शुरू करने में आसानी हुयी ,और इस काम को फिर मैंने आगे बढ़ाया और फूलों की खेती करना शुरू किया| गुलाब और जरवेरा की खेती पिछले 5 सालों से कर रहा हू| खेती करने के लिए जमींन तो थी ही, तो मैंने वही से कुछ एकर में गुलाब और जरवेरा की अलग अलग प्रजाति की खेती शुरू की|

पोलीहाउस क्यों है जरुरी ?

अगर खेती करना है तो उससे जुड़े साडी चीजे हमे पता होनी चाहिए जैसे उसे कैसा हवामान चाहिए ,कितनी धुप लगेगी ,कितने पानी की जरुरत है ,उसे किट कीड़ो से कैसे बचाया जाये | इसलिए किसान के पास इसकी खेती करने के लिए शेड नेट हाउस या पॉली हाउस होना जरूरी है|पाली हाउस में तय तापमान दिया जा सकता है| इसके अलावे कीड़े-भवरों से फूलों को बचाना अनिवार्य होता है | इसलिए पाली हाउस में देखभाल के बीच इसकी खेती की जाती है|

एक फूल की कीमत 8 से 10 रुपये है तो इसका मतलब हर फूल कीमती है | इसका सप्लाई दूर शहरों में भी किया जाता है ,वही शादी या किसी कार्यक्रम के समय में इसकी कीमत और बढ़ जाती है| ठंड के समय में इसका उत्पादन काफी कम होता हैइसलिए तापमान तय रहना जरुरी है , जहां पाली हाउस में 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान में ही इसकी खेती अच्छे से की जा सकती है| यह फूल जल्दी ख़राब नहीं होता ,15 से 20 दिन तक हरा भरा रहता है|

जाने कितना प्रॉफिट होता है ?

जरबेरा फूल और गुलाब की खेती इसलिए भी अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यह पौधा तीन महीनों में फूल देना शुरू कर देता है| इसके बाद इसके एक पौधे से चार से पांच साल तक किसान फूल की तोड़कर बेच सकता है| एक पौधा से एक साल में 30-40 फूल मिल सकते हैं|

एक फूल बाजार में आठ से 10 रुपये में बिकते हैं| फूल खिलना शुरू होने के बाद किसान एक सप्ताह में दो बार फूल की तोड़ सकते हैं, फूलो के डिमांड से हार्वेस्टिंग क्र सकते है और अलग अलग शहरो में भी इसका सप्लाई कर सकते है|

जाने फूलो की विशेषताएं :

गुलाब और जरबेरा के फूलो का कई जगह इस्तेमाल होता है जैसे की शादी की सजावट ,गुलदस्ते बनाने के लिए क्युकी यह फूल बोहत आकर्षक होते है जिससे तनाव भी कम होता है इसका उपयोग आयुर्वेद में भी किया है इन्हे पानी में रखे तो १० दिन तक ताजा और हरा भरा भी रह सकता है | तो बस एक बार लगाने की मेहनत है और कमाई भी बोहत है, इसलिए युवा नौकरी छोड़ खुद का काम करना ज्यादा फायदेमंद समझ रहे है | खुद की खेती कर लाखो कमा रहे है |