Blood Sugar बढ़ने का नहीं रहेगा खतरा जाने डायबिटीज़ का रामबाण इलाज!

Blood Sugar :

आपतो जानते हों, शारीरिक श्रम कम होने से तरह तरह की बीमारियों का हमे सामना करना पड़ रहा है, डायबिटीज़ के बीमारी में शारीरिक श्रम बेहद जरुरी है|मधुमेह की बीमारी को डायबिटीज और शुगर भी कहा जाता है। ये बीमारी अनुवाशिंक भी होती है और खराब जीवनशैली के कारण भी होती है।

मधुमेह के मरीजों को अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल का ना तो सामान्य से अधिक होना ठीक रहता है और ना ही सामान्य से कम होना ठीक रहता है।

ऐसे में इसकी जांच कर लेवल का पता लगाते रहना चाहिए । अगर मधुमेह का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाए या फिर बहुत ज्यादा कम हो जाए, तो दोनों ही स्थिति में मरीज की सेहत पर खतरा मंडराता है। ये दोनों ही स्थितियां जानलेवा मानी जाती हैं।

आयुर्वेद के अनुसार जो लोग शारीरिक श्रम कम करते है उन्हें इस तरह की बीमारी हो सकती है।डायबिटीज़ को कंट्रोल में आयुर्वेद के नुस्खे बड़े असरदार साबित होते है तो आईये जानते है उनके बारे में।

डायबिटीज (Diabetes) क्या है ?

डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली बीमारी है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के शरीर के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक होता है।

जब, व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) नहीं बन पाता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं।

जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं।

इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है। जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है। इसका काम भोजन को ऊर्जा में बदलना होता है।

ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मधुमेह के मरीज कब और क्या खा रहे हैं। इससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है।

डायबिटीज के शुरुआती लक्षण

डायबिटीज़ २ टाइप के होते है टाइप १ और टाइप २ जिसके लक्षण भी अलग अलग होते है।

  • अत्यधिक भूख लगना
  • अचानक वजन कम होना
  • हाथों या पैरों में झुनझुनी
  • थकावट
  • कमजोरी
  • शुष्क त्वचा
  • घावों का धीरे-धीरे भरना
  • विशेष रूप से रात में बहुत अधिक पेशाब आना,
  • संक्रमण,
  • बालों का झड़ना टाइप 2 डायबिटीज के आम लक्षण हैं।


वहीं, टाइप 1डायबिटीज में लोग मतली, पेट दर्द, उल्टी जैसे लक्षण भी महसूस करते हैं।

डायबिटीज के कारण क्या हैं ?

  • इंसुलिन की कमी होना।
  • परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना।
  • बढ़ती उम्र।
  • हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल।
  • एक्सरसाइज ना करने की आदत होना।
  • हार्मोन्स का असंतुलन।
  • हाई ब्लड प्रेशर आना।
  • खान-पान की ग़लत आदतें।

योगा करने के फायदे

डायबिटीज रोगी योग का अभ्यास करके ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रख सकते हैं। इसके अलावा योगासनों के अभ्यास की आदत कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं को दूर करने में भी आपके लिए मददगार हो सकती है।ताड़ासन, पादहस्तासन, मंडूकासन और वक्रासन करने से पैंक्रियाज पर प्रभाव पड़ता है और इंसुलिन का उत्पादन ठीक होने लगता है।

शुगर लेवल कम करने के उपाय क्या है?

  • डायबिटीस मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखे ,लाइफस्टाइल में बदलाव करे और तनाव से दूर रहे।
  • शुगर पेशेंट के लिए नीम की पत्तियां बहुत फायदेमंद होती है।
  • करेला आपके शुगर लेवल को कंट्रोल रखता है।
  • डायबिटीज पेशेंट के लिए जामुन के कई फायदे हैं।
  • नियमित रूप से अदरक का सेवन डायबिटीज को नियंत्रित करने का काम करता है।
  • मेथी दाने का पानी शुगर के पेशेंट के लिए काफी फायदेमंद होता है।

कुछ घरेलु उपाय

1. दालचीनी की चाय को खाना खाने के बाद भी पिया जा सकता है। जिससे ब्लड शुगर का लेवल सामान्य रखने में मदद मिल सकती है। डायबिटीज के मरीजों को अक्सर न्यूरोपैथी की समस्या हो जाती है। ऐसे में दालचीनी का सेवन नसों को हेल्दी रखने और डायबिटीज न्यूरोपैथी को कम करने में मदद करती है।

2. जामुन के बीज- डायबिटीज के आयुर्वेदिक इलाज में जामुन के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है ,इसके लिए जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस ले। इसका चूर्ण बना लें,अब इसे सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें, इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

3.लहसुन- लहसुन को आयुर्वेद में काफी इस्तेमाल किया जाता है| सभी के घरों में खाने में लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है,लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम करने और मधुमेह को कंट्रोल करने में मदद मिलती है| इसके लिए रातभर लहसुन की 2-3 कलियों को पानी में भिगो दें, सुबह खाली पेट इन्हें चबाकर खा लें।

4.आंवला- आंवला डायबिटीज में भी फायदेमंद है| इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी से पाया जाता है, आंवला में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं| आंवला खाने के 30 मिनट में ब्लड शुगर लेवल कम किया जा सकता है,आप आंवला पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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