Kapas Mandi Bhav : कपास का भाव दो साल के निचले स्तर पर, उत्पादन घटने के बावजूद क्यों नहीं बढ़ रहे दाम, ये है वजह!

Kapas Mandi Bhav :

पिंक बॉलवर्म के भयानक प्रकोप की वजह से इस साल उत्तर भारत में कपास उत्पादक क्षेत्रों, खासकर राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में कपास की फसल को काफी नुकसान हुवा है। इसके बावजूद कपास का भाव दो साल से घटता जा रहा है।

आपको बता देकि उत्तर भारत की ज्यादातर कृषि उपज मंडियों में इन दिनों कपास का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने और पंजाब में कपास की खरीद एमएसपी पर करने का अनुरोध किया है।

केंद्र सरकार ने चालू सीजन में कपास का एमएसपी 7020 रुपये प्रति क्विंटल और मध्यम रेशे वाले का एमएमपी 6620 रुपये क्विंटल तय किया है। घरेलू बाजार में कीमतें नहीं बढ़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह गुणवत्ता है।

उद्योग की रिपोर्ट से पता चला है कि इस साल जैसी खराब गुणवत्ता पिछले 25-30 सालों में देखने को नहीं मिली है। इस वजह से विदेशों से ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। चीन, बांग्लादेश जैसे देश जिन्हें हम कपास का ज्यादा निर्यात करते थे, वे गुणवत्ता को देखते हुए ऑर्डर नहीं दे रहे हैं।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने 2023-24 में 295 लाख गांठ उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल के उत्पादन से करीब 7.5 फीसदी से कम है।

2022-23 में करीब 319 लाख गांठ कपास का उत्पादन देश में हुआ था। सीएआई ने उत्तर भारत में इस साल 43 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) उत्पादन का अनुमान लगाया है। मध्य क्षेत्र में 179.60 लाख गांठ उत्पादन का अनुमान है, जो पिछले सीजन के 194.62 लाख गांठ से कम है।

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