Home Loan EMI :
Home Loan EMI – आज के दौर में हर कोई चाहता है कि उसके पास उनका खुद का अपना घर होना चाइये आपको बतादे की अभी भी अपने देश में, 80 से 90 प्रतिशत लोगों के खुदके घर नहीं है। इसी लिए वह लोग घर खरीद ने के लिए समय होम लोन का सहारा लेते है। इसके चलते एक साधारण वेतन कमाने वाला व्यक्ति भी अपनी बचत को घर खरीदने में लगा देता है।
आपके जानकारी के लिए बता दे की, ज्यादातर लोग अक्सर होम लोन लेने के बाद गलती कर बैठ ते है, उस लोन को चुकाने में उन्हें 20 साल का लोन चुकाने में 25 से 30 साल लगभग लग जाते है। आइये जानते है होम लोन लेने का सही तरीका।
Home Loan की अवधि कैसे बढ़ती है?
आपको इस बात की जानकारी नहीं होंगी की जब भी ब्याज दर में बदलाव होता है, तो होम लोन की रीपेमेंट अवधि अपने आप बढ़ जाती है और ज्यादातर लोग इसे पहले अनदेखा करते है। बाद में जब उन्हें इस बात की जानकारी दी जाती है तब तक उनका लोन बढ़ जाता है और वे बैंक में शिकायत कैट रहते है।
आइए उदाहरण से बेहतर समझें।
- आप 20 साल के लिए 8% की दर से 30 लाख रुपये का लोन लेते हैं तो आपकी हर महीने EMI करीब 25,093 रुपये होगी।
- अगर आप बैंक फ्लोटिंग रेट पर होम लोन देते हैं, जिसका मतलब है कि रेपो रेट के साथ-साथ आपके होम लोन की दर भी बदलती रहेगी।
- होम लोन लेने के पांच साल बाद आपके होम लोन की दर 11% हो जाएगी।
- आपके होम लोन के बकाये का मूलधन करीब 26 लाख रुपये होगा।
- शुरुआती वर्षों की EMI में ब्याज का हिस्सा ज्यादा होता है, जबकि मूलधन का हिस्सा कम होता है।
पांच साल बाद आप सोच सकते हैं
- पांच साल बाद आप सोच सकते हैं कि EMI के 15 साल बचे हैं लेकिन ऐसा नहीं है।
- जैसे-जैसे आपके ब्याज दरें बढ़ती हैं, वे आपके लोन की अवधि के अनुसार समायोजित हो जाते हैं।
- बता दे की ऐसा ग्राहकों पर ऊंची EMI का बोझ डालने से बचने के लिए किया जाता है।
- आपकी EMI 25,093 रुपये के करीब रखी जाती है तो आपके लोन की बची हुई अवधि 15 साल नहीं बल्कि 28 साल होगी।
- आपकी EMI को 15 साल के लिहाज से देखा जाए तो आपकी EMI बढ़कर करीब 29,500 रुपये हो जाएगी।
- आप जो कुछ भी 20 साल में चुकाना चाहते थे, उसे चुकाने में आपको लगभग 33 साल लगेंगे।
ऐसी स्थिति से खुद को कैसे बचाएं
आप इस परितिथि के बचना चाहते है तो आपको सबसे पहले अपने होम लोन की अवधि बढ़ाने से बचने के लिए जब भी ब्याज दर बढ़े तो तुरंत बैंक जाकर वह के कर्मचारियों से इस विषय में बात करे और अपने लोन की रीस्ट्रक्चरिंग करवा ले। यह बात जरूर करे अवधि बढ़ाने के लिए कहने के बजाय नई ब्याज दर के हिसाब से EMI बढ़ाने के लिए जरूर कहे इस में आपका ही फयदा है।
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