Top Varieties Of Wheat :
आज हम आपको 150 दिन में तैयार होने वाली गेहूं की टॉप किस्मे बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है उस किस्म को DBW 252 नाम से जाना जाता है और इसे 2021 में लॉन्च किया था। ICAR-भारतीय गेहूं अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा विकसित किया गया है।
आपके जानकारी के लिए बता दे की रबी सीजन के आगमन के साथ ही किसान अपने खेतों की तैयारी में लग गए हैं और उनके लिए मुख्य ध्यान गेहूं की खेती होती है। ज्यादा से ज्यादा उत्पादन की तलाश में रहते है इस लिए किसान गेहूं की किस्मों के बारे में जानकारी प्राप्त करता है।
सिर्फ 150 दिन में तैयार होने वाली गेहूं की टॉप किस्मे
ऐसी ज्यादा पैदावार उत्पादन देती है उस गेहूं की टॉप किस्मे के बारे हम आपको आगे के आर्टिकल में जानकारी देने वाले है जो प्रति हेक्टेयर 95 क्विंटल तक उत्पादन प्रदान करते आ रही है,आइये जानते है।
ICAR-भारतीय गेहूं अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा विकसित किये गये इन किस्मों के बारे में जानकारी देने वाले है, जिन्हें खरीफ और रबी सीजन में खेती करने के लिए अच्छा माना जाता है।
गेहूं की ज्यादा पैदावार वाली टॉप किस्मे
- पीबीडब्ल्यू 833 गेहूं वैरायटी
- पीबीडब्ल्यू 872 गेहूं वैरायटी
- करण नरेन्द्र गेहूं वैरायटी
- करन वंदना गेहूं वैरायटी
- डीडीडब्ल्यू 47 गेहूं वैरायटी
- श्री राम 303 गेहूं वैरायटी
- श्री राम सुपर 111 गेहूं वैरायटी
- श्रीराम सुपर 252 गेहूं की किस्म
गेहूं की किस्म करण वंदना (Karan Vandana)
आपको इस आर्टिकल के सुरवती में भी बताया गया था की, इस किस्म को DBW 187 के नाम से भी जाना जाता है और इसे ICAR-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने विकसित किया है।
इस की खास बात यह है कि एक हेक्टेयर में यह लगभग 96.6 क्विंटल उत्पादन देते आ रही है जिससे किसानो को बहुत ही फयदा हो रहा है और ऐसी को देकते हुए देश के बाकि किसान भी इस गेहूं की DBW 187 किस्म के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है।
इस करण वंदना किस्म की बात करे तो यह गेहूं में पीला रतुआ और ब्लास्ट जैसी बीमारियों की संभावना बहुत कम देखने को मिलती है, जो इसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू और कहि राज्य के किसानों के लिए उपयोगी बनाती आ रही है।
गेहूं की किस्म करण श्रीया (Karan Shriya)
गेहूं की इस करण श्रीया (Karan Shriya) किस्म को DBW 252 कहा जाता है और इसे सन 2021 में लाया गया था। इसे ICAR-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा लॉन्च किया गया था।
यह किस्म करण श्रीया (Karan Shriya) की सिंचाई की आवश्यकता को पूरा कर में मदत करती है इस का उत्पादन एक हेक्टेयर में लगभग 55 क्विंटल तक उत्पादन देते आ रही है। यह किस्म पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा उत्तर-पूर्व के तराई क्षेत्रों के किसानों के लिए बहुत की उपयोगी मानी जा रही है।
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