FD Rule :
आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको FD Rule के बारे में बताने वाले है बल्कि, Bank FD और FD को लेकर RBI ने नए निर्देश दे बारे में भी जानकारी देने वाले है, आइये जानते है।
आपको पता ही है की सबसे सेफ और सिकियोर बैंक होती है इस लिए सभी लोग बैंक में FD करवाना काफी सुरक्षित माना जाता है। आप अपनी सुविधा के हिसाब से कितनी भी रुपये की FD करवा सकते हैं। अब FD Rule को लेकर RBI ने नए निर्देश जारी किया गया है आइए जानते इस RBI के नए निर्देश के बारे में पूरी जानकारी।
FD Rule Change
आप तो जानते ही है की, आज के दौर में इंवेस्टमेंट के कई सारे ऑप्शन मिलते है, इन में कुछ विकल्प काफी रिस्की हैं तो कुछ विकल्प में जोखिम भी होते है और इस में बिना जोखिम वाले सुरक्षित इंवेस्टमेंट के ऑप्शन में FD भी शामिल है।
FD के तहत लोगों को Bank एक फिक्स ब्याज दर उपलब्ध करवाई जाती है। वहीं अब FD को लेकर RBI ने एक नया ऐलान जारी किया है, इस नये के जरिए लोगों को एक अहम सुविधा प्रदान की जाएगी।
आरबीआई (RBI)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐलान में यह बताया है कि बैंकों को एक करोड़ रुपये तक की सभी FD पर समय-पूर्व निकासी की सुविधा ग्राहकको देनी होगी और उस की सीमा 15 लाख रुपये तक दी जाती है।
RBI ने यह भी बताया की एक सर्कुलर में कहा कि समीक्षा करने के बाद यह फैसला किया गया है कि गैर-निकासी योग्य FD के लिए न्यूनतम राशि 15 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की जा सकती है। व्यक्तियों के जरिए एक करोड़ रुपये और उससे कम राशि वाली FD पर समय से पहले निकासी की सुविधा होनी चाहिए ऐसा आरबीआई (RBI) ने ऐलान किया है।
एफडी (FD)
साथ ही बैंकों को मौजूदा अनुरूप FD की अवधि और आकार के अलावा समय-पूर्व निकासी का विकल्प नहीं होने के आधार पर आपको अलग-अलग ब्याज दरों की पेशकश करने का विकल्प भी दिया जाएंगा।
ये निर्देश सभी वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों पर तत्काल प्रभाव से लागू किया गया हैं। आरबीआई (RBI) ने एक अन्य सर्कुलर में कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए ‘थोक जमा’ सीमा को मौजूदा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये तक दिया जायेंगा।
ग्राहकों की क्रेडिट(Credit) जानकारी
आपके जानकारी के लिए बता दे की आरबीआई ने कहा कि क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) को ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी में सुधार करने में हुई देरी के लिए प्रतिदिन 100 रुपये का मुआवजा देना होगा और नई व्यवस्था लागू करने के लिए क्रेडिट संस्थानों (CI) और क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) को छह महीने का वक्त भी दिया जा चूका है।
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